Monday 3 August 2015

कितना घातक है रात को जागना और पूरी नींद न लेना


स्वप्न रहस्य

L K A 10/06//2015


ये नींद क्या है ? क्यो आती है नींद ? रात को जागने से लंबी बीमारियों से कैसे मौत के मुंहू मे जाता है इंसान ? जानिए नींद का वैज्ञानिक रहश्य ।आजकल विज्ञान ,कम्प्यूटर और नेट का जमाना है तथा पूरी दुनिया इंटरनेट से जुड़ गयी है । इसलिए मनुष्य रात और दिन काम करने लगा है । कॉल सेंटर और रात की शिफ्ट मे काम करने वाले लोगो का बुरा हाल है । जवान बच्चे बहुत जल्दी नपुसक और बूढ़े हो रहे है । दिनरात काम करने के कारण मनुष्य डिप्रेशन की भयंकर बीमारी तथा मानसिक रोगों का शिकार होने लगा है । बीमारियाँ कुकुरमुत्ते की तरह बढ़ रही है । रातभर जागना व दिन मे सोना प्रकृति के नियमों के विरुद्ध है । जब जब भी हम प्रकृति के नियमो का उलंघन करेंगे तब तब तबाही के कगार पर आ जाएँगे । 

अब मैं आपको बताता हूँ क्यो रात को जागने से शुगर , उच्च रक्तचाप, किडनी फैलोर, कम उम्र मे हार्ट अटेक , डिप्रेशन , शिरदर्द , बुद्धि का कमजोर होना , याद न रहना , और बुढ़ापा तथा हिजडापन जैसी बीमारियाँ आ रही है । नीद शरीर का एक स्वचालित (ऑटोमैटिक) संकेतक (sensor) है जो अपान प्राण के द्वारा संचालित है । पाँच प्राणो का संबंध शरीर की ऊर्जा शक्ति के साथ होता है । नीद का संबंध शरीर की ऊर्जा शक्ति के साथ साथ 72,72 ,10,202 नस नाड़ियों के साथ होता है । 

जब शरीर मे ऊर्जा की कमी होनी शुरू हो जाती है तो अपान प्राण नींद को संकेत कर देता है कि शरीर से काम लेना बंद कर दे तथा ऊर्जा की खपत को बंद कर दे क्योकि शरीर थक चुका है । अन्यथा शरीर के अंगों पर दुष्प्रभाव पड़ेगा । प्राण सूर्य की किरणों से संचालित होते है प्राण दिन मे सूर्य से ऊर्जा एकत्रित कर लेते है । प्राण शरीर को इनवेर्टर की तरह चार्ज कर देते है । रात को प्राणो को ऊर्जा की सप्लाई नहीं हो पाती है । फिर भी रात भर जागने से शरीर तो काम करता है तथा ऊर्जा की खपत भी करता है । ऐसी स्थिति मे समान प्राण शरीर को ऊर्जा की पूर्ति के लिए शरीर के चलायमान अंगो से ( लीवर, किडनी, फेफड़े, आंते, हृदय, मस्तिक ,पेनक्रिया तथा पेट ) से ऊर्जा लेना शुरू कर देता है ।

शरीर मे ऊर्जा की सप्लाई का काम समान प्राण के पास होता है । जब पूरी रात जागते है तो 1 सप्ताह मे शरीर के ये अंग बहुत कमजोर हो जाते है तथा इन अंगो की ऊर्जा शक्ति समाप्त हो जाती है । जिसके कारण उपर लिखी हुई बीमारी पैदा हो जाती है । जब ये शरीर के अंग कमजोर हो जाते है तो फिर समान प्राण शरीर के बाहरी हिस्से से ऊर्जा लेना शुरू कर देता है ।

जिसके कारण मनुष्य पहले अन्दर के अंगों से कमजोर होता है उसके बाद शरीर के बाहरी हिस्से से अंगो ( हिप्स ,जांघे ,हाथ ,गाल ,गर्दन ) से कमजोर होकर दुबला होना शुरू हो जाता है । ज्यादा काम करने वाले लोगों को ज्यादा नींद आती है क्योकि शरीर मे ऊर्जा की खपत ज्यादा हो जाती है और शरीर थक जाता है। शरीर मे दुबारा ऊर्जा की आपूर्ति के नींद शरीर को निस्क्रीय अवस्था मे कर देती है या हम कह सकते है कि (Non Working Mode) पर डाल देती है । जिसके कारण शरीर अचेतन अवस्था मे चला जाता है और सो जाता है । इसलिए नींद शरीर का एक ऑटोमैटिक ऊर्जा मापक यंत्र है जो आपको समय समय पर संकेत देता है कि अब आप सो जाओ अन्यथा अंग बीमार हो जाएँगे । अगर आप नींद की नहीं मानोगे तो वह आपके शरीर के अंगो को नुकसान (damage) कर देगी । इसलिए रात को जागने वाले और दिन को सोने वाले लोग की उम्र आधी रह जाती है । और लंबी बीमारी के कारण अचानक जल्दी म्रत्यु को प्राप्त हो जाते है ।

डॉ एच रावत ( वैदिक & आध्यात्मिक दार्शनिक )

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